जिमि टिट्टिभ खग सूत उताना।।
अर्थात्--- (ये बात शिवजी के द्वारा उमा को कही गई है) वे कहते हैं-- हे उमा ! रावण को ऐसा अभिमान हो गया जिस प्रकार कि सोते समय टिटहरी नामक पक्षी को होता है जो अपने पैरों को ऊपर करके सोता है।
( दरअसल यह एक विचित्र बात है कि टिटहरी नामक पक्षी जब सोता है तब वह अपने पैरों को ऊपर करके सोता है ।उसे यह गुमान होता है कि आसमान की तरफ पैर करके सोने पर यदि आसमान नीचे गिरता है तो वह उसे अपने पैरों से थाम लेगा । उसे अभिमान होता है कि वह उसके नीचे ऐसा करने से दबेगा नहीं......)
( दरअसल यह एक विचित्र बात है कि टिटहरी नामक पक्षी जब सोता है तब वह अपने पैरों को ऊपर करके सोता है ।उसे यह गुमान होता है कि आसमान की तरफ पैर करके सोने पर यदि आसमान नीचे गिरता है तो वह उसे अपने पैरों से थाम लेगा । उसे अभिमान होता है कि वह उसके नीचे ऐसा करने से दबेगा नहीं......)
------- रामचरित मानस/ लंका काण्ड
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